
उपभोक्ता मामलों के विभाग की प्रमुख गतिविधियाँ हैं:
टीएन और एमडी, बीआईएस गतिविधियों के दायरे में बीआईएस और उपभोक्ताओं के बीच का एक इंटरफेस है। टीएन और एमडी का मुख्य उद्देश्य बीआईएस के उपभोक्ताओं को शिक्षित करना और उनके हितों की रक्षा करना है
टीएन और एमडी अपने मुख्य कार्यालय और क्षेत्रीय एवं शाखा कार्यालयों में नामित लोक शिकायत अधिकारियों के माध्यम से प्रचालन करता है।
बीआईएस का मुख्यालय दिल्ली में है, इसके पाँच क्षेत्रीय कार्यालय दिल्ली, चंडीगढ़, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में हैं और पूरे भारत में इसकी 32 शाखाएँ हैं, जिनका विवरण बीआईएस की वेबसाइट पर उपलब्ध है।(www.bis.gov.in).
बीआईएस के पास एक सुस्थापित नागरिक चार्टर है जिसे दिनांक 1 जनवरी, 2024 से संशोधित और कार्यान्वित किया गया है। यह बीआईएस वेबसाइट पर निम्नलिखित पथ पर उपलब्ध है: उपभोक्ता जुड़ाव -> नागरिक चार्टर।
अनिवार्य पंजीकरण योजना के तहत शामिल इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को पंजीकरण मुहर के साथ मुहरांकित किया जाता है।
निम्नलिखित श्रेणियों के तहत शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं-
शिकायत पोस्ट, ईमेल, मोबाइल ऐप या बीआईएस उपभोक्ता पोर्टल के माध्यम से ऑफ़लाइन और ऑनलाइन दोनों की जा सकती है। नजदीकी शाखा कार्यालय में जाकर भी शिकायत की जा सकती है।
कृपया शिकायत निवारण के दिशानिर्देशों के लिए निम्नलिखित लिंक देखें- Link to Annex 9 of OMPC to be provided”
ऐसी शिकायतों से निपटने के लिए बीआईएस के पास सतर्कता विभाग है। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि ऐसी शिकायतें सीधे सतर्कता विभाग को ई-मेल द्वारा भेजें । (e-mail: vigilance@bis.gov.in)
बीआईएस अधिनियम, 2016 के अनुभाग 13 के प्रावधानों के तहत, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) मानक मुहर का उपयोग या लागू करने के लिए लाइसेंस जारी करता है। बीआईएस अधिनियम, 2016 की धारा 17 के प्रावधानों के तहत, आभूषण विनिर्माता द्वारा बीआईएस से वैध लाइसेंस के बिना बीआईएस मानक मुहर का उपयोग या जाली-आभाषी प्रतिरूप का उपयोग मानक मुहर के दुरुपयोग के समतुल्य है।
लिखित शिकायत, ई-मेल और वेबसाइट, ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सूचनादाता से सूचना प्राप्त होने पर, जो ऑनलाइन केन्द्रीय रूप से दर्ज की जाती हैं, पर छापे (छापे और जब्ती) मारे जाते हैं। प्राप्त जानकारी को एक विवेकपूर्ण जांच के माध्यम से सत्यापित किया जाता है जिसके बाद छापा मारा जाता है। एक सफल छापे के पूरा होने पर, अदालत में बीआईएस अधिनियम, 2016 के तहत कानूनी मामला चलाया जाता है।
बीआईएस अपने क्षेत्रीय और शाखा कार्यालयों के नेटवर्क के माध्यम से पूरे भारत में उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता है। इसके अलावा, बीआईएस उपभोक्ताओं में बेहतर जागरूकता पैदा करने के लिए उपभोक्ता समूहों को पंजीकृत करने की प्रक्रिया में है ताकि उनमें जागरूकता पैदा की जा सके।
जागरूकता कार्यक्रम मुख्य रूप से मानकीकरण के मुद्दों, सोने और चाँदी के हॉलमार्किंग के मुद्दों को उजागर करके और उन्हें बीआईएस मानक मुहर के दुरुपयोग पर शिक्षित करके उपभोक्ताओं की गुणता चेतना को बढ़ाने पर केंद्रित है।
भारतीय मानक ब्यूरो अपने विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालयों / शाखा कार्यालयों के माध्यम से नियमित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता है। इनमें से कई जागरूकता कार्यक्रम उपभोक्ता संगठनों के सहयोग से आयोजित किए जाते हैं। ये कार्यक्रम मानकीकरण के मुद्दों, बीआईएस मानक मुहर के प्रोत्साहन, सोने और चाँदी की हॉलमार्किंग और बीआईएस मानक मुहर के दुरुपयोग एवं बीआईएस मानक मुहर वाले उत्पादों के लिए शिकायत निवारण प्रणाली के बारे में शिक्षित करके उपभोक्ताओं की गुणता चेतना बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। उद्योगों / लाइसेंसियों के लिए बीआईएस के जागरूकता कार्यक्रमों में, उद्योगों को मानकीकरण के महत्व को समझाया जाता है और लाइसेंस के प्रचालन में आने वाली कठिनाइयों पर भी चर्चा की जाती है।